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Biography Of M. Karunanidhi in Hindi Jivani
2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तमिलनाडु और पुदुचेरी में डीएमके के नेतृत्व वाली डीपीए (यूपीए और वामपंथी दल) का नेतृत्व किया और लोकसभा की सभी 40 सीटों को जीत लिया। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने डीएमके द्वारा जीती गयी सीटों की संख्या को 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया और तमिलनाडु और पुदुचेरी में यूपीए का नेतृत्व कर बहुत छोटे गठबंधन के बावजूद 28 सीटों पर विजय प्राप्त की। वे तमिल सिनेमा जगत के एक नाटककार और पटकथा लेखक भी हैं। उनके समर्थक उन्हें कलाईनार कहकर बुलाते हैं। करूणानिधि का निधन 7 अगस्त 2018 को कावेरी अस्पताल में हुआ।
एम करूणानिधि ने तीन बार शादी की उनकी पहली पत्नी का नाम पद्मावती दूसरी का दयालु आम्माल और तीसरी पत्नी का नाम राजात्तीयम्माल है। करूणानिधि की पहली पत्नी पद्मावती का निधन विवाह के कुछ सालो बाद ही हो गया था। पद्मावती ने करूणानिधि के बड़े पुत्र एम.के. मुत्तु को जन्म दिया था। उनकी दूसरी पत्नी दयालु आम्माल से उन्हे अज़गिरी, स्टालिन, दो पुत्र और एक पुत्री सेल्वी ने जन्मे लिया था। करूणानिधि की तीसरी पत्नी राजात्तीयम्माल की पुत्री का नाम कनिमोझी है जो राज्यसभा की सांसद है।
• 1969 से 1971 चुनाव 1967
• 1971 से 1976 चुनाव 1971
• 1989 से 1991 चुनाव 1989
• 1996 से 2001 चुनाव 1996
• 2006 से 2011 चुनाव 2011
करूणानिधि डीएमके कोषाध्यक्ष बने और 1962 में राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता रहे. साल 1967 में जब डीएमके पुनः सत्ता में आई तो करूणानिधि उस सरकार में सार्वजनिक कार्य मंत्री बने.दो साल बाद ही डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई की मोत हो गई और साल 1969 में करूणानिधि पार्टी के शिर्ष नेता के साथ ही अन्नादुरई की जगह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने. अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में वे 13 बार विधायक बने जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. करूणानिधि पर राजनीती में परिवारवाद करने के भी आरोप लगे।
करुणानिधि पे वीरानम परियोजना के लिए सरकरिया कमीशन द्वारा निविदाएं आवंटित करने के लिए आरोप लगे थे | और 2001 में करूणानिधि और के. ए. नाम्बिआर के साथ और लोगों पर फ्लाईओवर बनाने के भष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था | और एक बार उनकी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगे और उनके बेटे पर एक भी आरोप साबित नहीं हो पायें | करूणानिधि एक सफल राजनेता और एक सफल लेखक थे उन्होंने गरीबों के लिए बहुत कुछ किया तभी उनकी मौत पे 20 लोंगो की जान चली गयी उन्होंने गरीबो को एक रूपये किलो चवाल और बेटियों को प्रॉपर्टी पर बराबरी का अधिकार दिलाया था | इनके लाखों की संख्या में चाहने वाले हैं, और ये दिखने में बहुत ही साधारण थे |
Biography Of M. Karunanidhi in Hindi | मुत्तुवेल करुणानिधिजीवनी हिंदी में
शनिवार, 1 अगस्त 2020
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Biography Of M. Karunanidhi in Hindi Jivani
प्रारम्भिक जीवन :
मुत्तुवेल करुणानिधि भारतीय राजनेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री थे। वे तमिलनाडु राज्य के एक द्रविड़ राजनीतिक दल द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख थे। वे 1969 में डीएमके के संस्थापक सी. एन. अन्नादुरई की मौत के बाद से इसके नेता बने थे और पांच बार (1969–71, 1971–76, 1989–91, 1996–2001 और 2006–2011) मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने अपने 60 साल के राजनीतिक करियर में अपनी भागीदारी वाले हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाया।2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तमिलनाडु और पुदुचेरी में डीएमके के नेतृत्व वाली डीपीए (यूपीए और वामपंथी दल) का नेतृत्व किया और लोकसभा की सभी 40 सीटों को जीत लिया। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने डीएमके द्वारा जीती गयी सीटों की संख्या को 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया और तमिलनाडु और पुदुचेरी में यूपीए का नेतृत्व कर बहुत छोटे गठबंधन के बावजूद 28 सीटों पर विजय प्राप्त की। वे तमिल सिनेमा जगत के एक नाटककार और पटकथा लेखक भी हैं। उनके समर्थक उन्हें कलाईनार कहकर बुलाते हैं। करूणानिधि का निधन 7 अगस्त 2018 को कावेरी अस्पताल में हुआ।
एम करूणानिधि ने तीन बार शादी की उनकी पहली पत्नी का नाम पद्मावती दूसरी का दयालु आम्माल और तीसरी पत्नी का नाम राजात्तीयम्माल है। करूणानिधि की पहली पत्नी पद्मावती का निधन विवाह के कुछ सालो बाद ही हो गया था। पद्मावती ने करूणानिधि के बड़े पुत्र एम.के. मुत्तु को जन्म दिया था। उनकी दूसरी पत्नी दयालु आम्माल से उन्हे अज़गिरी, स्टालिन, दो पुत्र और एक पुत्री सेल्वी ने जन्मे लिया था। करूणानिधि की तीसरी पत्नी राजात्तीयम्माल की पुत्री का नाम कनिमोझी है जो राज्यसभा की सांसद है।
राजनितिक :
एक बार वहा अलगिरिस्वामी का भाषण सुन रहे थे वहाँ से प्रेरित होकर उन्होंने लगभग 14 से 15 साल की उम्र में राजनितिक में प्रवेश किया और उसके बाद उन्होंने मनावर नेसन नामक अखबार चलया | करुणा निधि ने पहली बार 1957 में चुनाव लड़ा था | अन्नादुरई की मौत के बाद 1969 में उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया था |• 1969 से 1971 चुनाव 1967
• 1971 से 1976 चुनाव 1971
• 1989 से 1991 चुनाव 1989
• 1996 से 2001 चुनाव 1996
• 2006 से 2011 चुनाव 2011
करूणानिधि डीएमके कोषाध्यक्ष बने और 1962 में राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता रहे. साल 1967 में जब डीएमके पुनः सत्ता में आई तो करूणानिधि उस सरकार में सार्वजनिक कार्य मंत्री बने.दो साल बाद ही डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई की मोत हो गई और साल 1969 में करूणानिधि पार्टी के शिर्ष नेता के साथ ही अन्नादुरई की जगह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने. अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में वे 13 बार विधायक बने जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. करूणानिधि पर राजनीती में परिवारवाद करने के भी आरोप लगे।
करुणानिधि पे वीरानम परियोजना के लिए सरकरिया कमीशन द्वारा निविदाएं आवंटित करने के लिए आरोप लगे थे | और 2001 में करूणानिधि और के. ए. नाम्बिआर के साथ और लोगों पर फ्लाईओवर बनाने के भष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था | और एक बार उनकी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगे और उनके बेटे पर एक भी आरोप साबित नहीं हो पायें | करूणानिधि एक सफल राजनेता और एक सफल लेखक थे उन्होंने गरीबों के लिए बहुत कुछ किया तभी उनकी मौत पे 20 लोंगो की जान चली गयी उन्होंने गरीबो को एक रूपये किलो चवाल और बेटियों को प्रॉपर्टी पर बराबरी का अधिकार दिलाया था | इनके लाखों की संख्या में चाहने वाले हैं, और ये दिखने में बहुत ही साधारण थे |
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