युरी गैगरिन जीवनी - Biography of Yuri Gagarin in Hindi Jivani
युरी एलेक्सेयेविच गैगरिन एक रशियाई सोवियत पायलट और अंतरिक्ष यात्री थे। 12 अप्रैल 1961 को जब उनके वोस्टोक विमान ने पृथ्वी की परिक्रमा पूरी की तो वे बाह्य अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले वे पहले मानव थे। इसके बाद गैगरिन एक अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटी बन चुके थे और उन्होंने बहुत से मेडल्स और शीर्षकों से भी सम्मानित किया जा चूका है, जिनमे सोवियत संघ के हीरो का सम्मान भी शामिल है। यह उनके राष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है।
वोस्टोक1 एकमात्र उनके द्वारा चलाया गया विमान था लेकिन सोयुज़1 मिशन (एक जानलेवा क्रैश में इसका अंत हो गया) में उन्होंने बैकअप क्रू की भूमिका भी निभाई थी। इसके बाद गैगरिन मास्को के बाहर अंतरिक्ष यात्री ट्रेनिंग सेंटर के डिप्टी ट्रेनिंग डायरेक्टर बने, जिसका नाम बदलकर बाद में उन्ही के नाम पर रखा गया। जब गैगरिन की मृत्यु मिग-15 ट्रेनिंग जेट के क्रैश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होते हुए हुई थी। उन्हें सम्मान देते हुए फेडरेशन ऑफ़ एरोनॉटिक इंटरनेशनल ने उन्हें गोल्ड मैडल से सम्मानित भी किया था।
अन्तरिक्ष की यात्रा करने के बाद गगारिन अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटी बन चुके थे और उन्हें कई तरह के पदक और खिताबों सेसम्मानित किया गया था। उन खिताबों में से एक ख़िताब था हीरो ऑफ़ द सोवियत यूनियन (Hero of the Soviet Union)।उसने Vostok 1 नामक अन्तरिक्ष यान में अपनी यात्रा की थी। १९६८ जब वे मिग १५ (MiG-15) नामक प्रशिक्षण विमान का संचालक कर रहे थे तो, विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणउनकी मृत्यु हो गयी।
वो चार भाई-बहन थे जहा उनके पिता एलेक्सी एवोंविच गागरिन बढाई का काम किया करते थे और माँ अन्ना टिमोफेय्ना गागरिन दूध की डेयरी में काम करती थी | द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अभी युरी गागरिन सात वर्ष के ही थे कि वर्ष 1941 मेंनाजियो ने सोवियत संघ पर हमला कर दिया | गागरिन परिवार को फ़ार्म में उनके घर से बेघर कर दिया गया | नाजियो ने युरीगागरिन की दो बहनो को भी बंधुआ मजदूर बनाकर जर्मनी भेज दिया |
जैसे तैसे सरातोव के एक ट्रेड स्कूल में Yuri Gagarin गागरिन की पढाई आरम्भ हुयी , उन्हें गणित और भौतिकी मेंदिलचस्पी थी | इसी स्कूल में उन्होंने धातुओ का काम सीखा | यही के एक लोइंग क्लब में भी उन्होंने दाखिला ले लिया और जल्दही हवाई जहाज उडाना सीख गये | वर्ष 1955 में उन्होंने पहली बार अकेले हवाई जहाज उड़ाया | उड़ान के प्रति रुझान बढ़ने केकारण उन्होंने सोवियत एयरफोर्स की नौकरी कर ली |
उड़ान की सटीक कुशलता देख अधिकारियों ने उन्हें आरेनबर्ग एविएशनस्कूल में भेज दिया , जहा वो मिग विमान उडाना सीख गये | नौकरी के दौरान वर्ष 1957 में ही उन्होंने उच्च श्रेणी से ग्रेजुएशन उत्त्तीर्ण किया | अब वो फाइटर पायलट बन गये,लेकिन उनका सपना अन्तरिक्ष में उड़ान भरना था | जब सोवियत सरकार ने अंतरिक्ष में जाने के लिए आवेदन मांगे तो 3000 आवेदन आये , जिनमे गागरिन भी एक थे |
सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम चयन और प्रशिक्षण :
1960 में, ज्यादा खोज और एक चयन प्रक्रिया के बाद, यूरी गगारिन को सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए 1 9 अन्यपायलटों के साथ चुना गया था। गगिरिन को एक उच्च प्रशिक्षण समूह के लिए चुना गया, जिसे सोची सिक्स के नाम से जानाजाता है, जहां से वोस्तोक कार्यक्रम के पहले अंतरिक्ष यात्री चयन करेंगे। गगारिन और अन्य संभावित उम्मीदवारों को भौतिक औरमनोवैज्ञानिक धीरज का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रयोगों के अधीन किया गया; वह भी आगामी उड़ान के लिएप्रशिक्षण लिया बीस चुने जाने के बाद, प्रथम लॉन्च के लिए आखिरी विकल्प गागरिन और घबरमैन टिटोव थे जिन्हें ट्रेनिंग सत्र केदौरान उनके प्रदर्शन के साथ-साथ उनके भौतिक लक्षणों के कारण- अंतरिक्ष छोटे वोस्तोक कॉकपिट में सीमित था, और दोनों पुरुषोंकी जगह कम थी। गगारिन 1.57 मीटर (5 फीट 2 में) लंबा था अगस्त 1960 में, जब गागरिन 20 संभावित उम्मीदवारों में से एक थे, सोवियत वायु सेना के डॉक्टर ने अपने व्यक्तित्व कामूल्यांकन निम्नानुसार किया है:
गागरिन भी उनके साथियों द्वारा एक अनुकूल उम्मीदवार थे। जब 20 उम्मीदवारों को गुमनाम रूप से वोट करने के लिएकहा गया था, जिसके लिए वे अन्य उम्मीदवारों को उड़ने वाले पहले व्यक्ति के रूप में देखना चाहते थे, लेकिन तीन ने गगरिन कोचुना। इन उम्मीदवारों में से एक, येवगेनी ख्रुन्ोव, का मानना था कि गगारिन बहुत ध्यान केंद्रित कर रहा था, और जब आवश्यकहो तो खुद और दूसरों की मांग कर रहा था।
मृत्यु :
27 मार्च 1968 को च्कलोवस्की एयर बेस से फ्लाइट की दैनिक ट्रेनिंग करते समय वह और उनके फ्लाइट प्रशिक्षकव्लादिमीर सेर्योगिन की मृत्यु मिग-15UTI में किर्जहाच शहर के पास हुए क्रैश में हो गयी। गैगरिन और सेर्योगिन के शव को रेडस्क्वायर पर दफनाया गया और वही उनका अंतिम संस्कार भी किया गया था। गैगरिन अपने पीछे पत्नी वालेंटीना और बेटी येलेना और गलिन को छोड़ गये थे।
Read Rakesh Sharma Biography in Hindi
युरी गैगरिन जीवनी - Biography of Yuri Gagarin in Hindi Jivani
रविवार, 14 जुलाई 2019
0
युरी गैगरिन जीवनी - Biography of Yuri Gagarin in Hindi Jivani |
Yuri Gagrin |
युरी एलेक्सेयेविच गैगरिन एक रशियाई सोवियत पायलट और अंतरिक्ष यात्री थे। 12 अप्रैल 1961 को जब उनके वोस्टोक विमान ने पृथ्वी की परिक्रमा पूरी की तो वे बाह्य अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले वे पहले मानव थे। इसके बाद गैगरिन एक अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटी बन चुके थे और उन्होंने बहुत से मेडल्स और शीर्षकों से भी सम्मानित किया जा चूका है, जिनमे सोवियत संघ के हीरो का सम्मान भी शामिल है। यह उनके राष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है।
वोस्टोक1 एकमात्र उनके द्वारा चलाया गया विमान था लेकिन सोयुज़1 मिशन (एक जानलेवा क्रैश में इसका अंत हो गया) में उन्होंने बैकअप क्रू की भूमिका भी निभाई थी। इसके बाद गैगरिन मास्को के बाहर अंतरिक्ष यात्री ट्रेनिंग सेंटर के डिप्टी ट्रेनिंग डायरेक्टर बने, जिसका नाम बदलकर बाद में उन्ही के नाम पर रखा गया। जब गैगरिन की मृत्यु मिग-15 ट्रेनिंग जेट के क्रैश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होते हुए हुई थी। उन्हें सम्मान देते हुए फेडरेशन ऑफ़ एरोनॉटिक इंटरनेशनल ने उन्हें गोल्ड मैडल से सम्मानित भी किया था।
अन्तरिक्ष की यात्रा करने के बाद गगारिन अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटी बन चुके थे और उन्हें कई तरह के पदक और खिताबों सेसम्मानित किया गया था। उन खिताबों में से एक ख़िताब था हीरो ऑफ़ द सोवियत यूनियन (Hero of the Soviet Union)।उसने Vostok 1 नामक अन्तरिक्ष यान में अपनी यात्रा की थी। १९६८ जब वे मिग १५ (MiG-15) नामक प्रशिक्षण विमान का संचालक कर रहे थे तो, विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणउनकी मृत्यु हो गयी।
वो चार भाई-बहन थे जहा उनके पिता एलेक्सी एवोंविच गागरिन बढाई का काम किया करते थे और माँ अन्ना टिमोफेय्ना गागरिन दूध की डेयरी में काम करती थी | द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अभी युरी गागरिन सात वर्ष के ही थे कि वर्ष 1941 मेंनाजियो ने सोवियत संघ पर हमला कर दिया | गागरिन परिवार को फ़ार्म में उनके घर से बेघर कर दिया गया | नाजियो ने युरीगागरिन की दो बहनो को भी बंधुआ मजदूर बनाकर जर्मनी भेज दिया |
जैसे तैसे सरातोव के एक ट्रेड स्कूल में Yuri Gagarin गागरिन की पढाई आरम्भ हुयी , उन्हें गणित और भौतिकी मेंदिलचस्पी थी | इसी स्कूल में उन्होंने धातुओ का काम सीखा | यही के एक लोइंग क्लब में भी उन्होंने दाखिला ले लिया और जल्दही हवाई जहाज उडाना सीख गये | वर्ष 1955 में उन्होंने पहली बार अकेले हवाई जहाज उड़ाया | उड़ान के प्रति रुझान बढ़ने केकारण उन्होंने सोवियत एयरफोर्स की नौकरी कर ली |
उड़ान की सटीक कुशलता देख अधिकारियों ने उन्हें आरेनबर्ग एविएशनस्कूल में भेज दिया , जहा वो मिग विमान उडाना सीख गये | नौकरी के दौरान वर्ष 1957 में ही उन्होंने उच्च श्रेणी से ग्रेजुएशन उत्त्तीर्ण किया | अब वो फाइटर पायलट बन गये,लेकिन उनका सपना अन्तरिक्ष में उड़ान भरना था | जब सोवियत सरकार ने अंतरिक्ष में जाने के लिए आवेदन मांगे तो 3000 आवेदन आये , जिनमे गागरिन भी एक थे |
सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम चयन और प्रशिक्षण :
1960 में, ज्यादा खोज और एक चयन प्रक्रिया के बाद, यूरी गगारिन को सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए 1 9 अन्यपायलटों के साथ चुना गया था। गगिरिन को एक उच्च प्रशिक्षण समूह के लिए चुना गया, जिसे सोची सिक्स के नाम से जानाजाता है, जहां से वोस्तोक कार्यक्रम के पहले अंतरिक्ष यात्री चयन करेंगे। गगारिन और अन्य संभावित उम्मीदवारों को भौतिक औरमनोवैज्ञानिक धीरज का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रयोगों के अधीन किया गया; वह भी आगामी उड़ान के लिएप्रशिक्षण लिया बीस चुने जाने के बाद, प्रथम लॉन्च के लिए आखिरी विकल्प गागरिन और घबरमैन टिटोव थे जिन्हें ट्रेनिंग सत्र केदौरान उनके प्रदर्शन के साथ-साथ उनके भौतिक लक्षणों के कारण- अंतरिक्ष छोटे वोस्तोक कॉकपिट में सीमित था, और दोनों पुरुषोंकी जगह कम थी। गगारिन 1.57 मीटर (5 फीट 2 में) लंबा था अगस्त 1960 में, जब गागरिन 20 संभावित उम्मीदवारों में से एक थे, सोवियत वायु सेना के डॉक्टर ने अपने व्यक्तित्व कामूल्यांकन निम्नानुसार किया है:
गागरिन भी उनके साथियों द्वारा एक अनुकूल उम्मीदवार थे। जब 20 उम्मीदवारों को गुमनाम रूप से वोट करने के लिएकहा गया था, जिसके लिए वे अन्य उम्मीदवारों को उड़ने वाले पहले व्यक्ति के रूप में देखना चाहते थे, लेकिन तीन ने गगरिन कोचुना। इन उम्मीदवारों में से एक, येवगेनी ख्रुन्ोव, का मानना था कि गगारिन बहुत ध्यान केंद्रित कर रहा था, और जब आवश्यकहो तो खुद और दूसरों की मांग कर रहा था।
मृत्यु :
27 मार्च 1968 को च्कलोवस्की एयर बेस से फ्लाइट की दैनिक ट्रेनिंग करते समय वह और उनके फ्लाइट प्रशिक्षकव्लादिमीर सेर्योगिन की मृत्यु मिग-15UTI में किर्जहाच शहर के पास हुए क्रैश में हो गयी। गैगरिन और सेर्योगिन के शव को रेडस्क्वायर पर दफनाया गया और वही उनका अंतिम संस्कार भी किया गया था। गैगरिन अपने पीछे पत्नी वालेंटीना और बेटी येलेना और गलिन को छोड़ गये थे।
Read Rakesh Sharma Biography in Hindi
Previous article
Next article
Leave Comments
एक टिप्पणी भेजें