योगी आदित्यनाथ की जीवनी

योगी आदित्यनाथ की जीवनी


1 नाम    योगी आदित्यनाथ
2 मूल नाम अजय सिंह बिष्ट
3 पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट
4 मां का नाम सावित्री देवी
5 जन्म               5 जून 1972
6 जन्म स्थान पंचुर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड
7 धर्म               हिन्दू (नाथ सम्प्रदाय)
8 राष्ट्रीयता            भारतीय
9 राजनैतिक जीवन सबसे पहले 1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर                                                      चुनाव लड़े और जीत गए।
10 राजनीतिक दल      भारतीय जनता पार्टी
11 चुनाव-क्षेत्र              गोरखपुर
12 शिक्षा                 1989 में इंटरमीडिएट, 1990 में ग्रेजुएशन, 1992 में गणित में बीएससी,
13 मुख्यमंत्री निर्वाचन 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

इनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के गढ़वाली राजपूत परिवार में आनंद सिंह बिष्ट के घर में अजय सिंह बिष्ट के रूप में हुआ था। इनके पिता एक फारेस्ट रेंजर थे। इन्होंने उत्तराखंड में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

वर्ष 1990 में, इन्होने अयोध्या राम मंदिर के आंदोलन में भाग लिया। योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ के प्रमुख पुजारी महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बने। इसके बाद, इन्होंने ‘योगी आदित्यनाथ’ का नाम प्राप्त किया और महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी भी बने।

योगी आदित्यनाथ की शिक्षा
इन्होंने 1977 में ”टिहरी“ के गजा के स्थानीय स्कूल में पढाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परिक्षा पास की। स्न 1989 में इन्होंने “ऋषिकेश” के श्री भरत मन्दिर इण्टर काॅलेज से इन्होंने इंटरमीडियट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुशन की पढाई करते हुए ये ”अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद“ से जुडे। 1992 में “श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढवाल विश्वविद्यालय” से इन्होंने गणित में बीएससी की परिक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे।
इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नाकोत्तर करने का इनका प्रसास असफल रह गया।

इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मन्दिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया।(जीवन परिचय)
1993 में गणित में एमएससी की पढाई दौरान गुरू गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखनाथ आए। एंव गोरखपुर प्रवास के दौरान ही ये मंहत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए थे जो इनके पडोस के गांव के निवासी और परिवार के पुराने परिचित थे। अंततः ये मंहत की शरण ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण “सन्यासी” बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गए।
12 सिंतबर 2014 को गोरखनाथ मदिंर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हे यहाँ का मंहत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठधीश्वर बनाया गया।

राजनीतिक यात्रा 

इनको वर्ष 1994 में गोरखनाथ मठ के प्रमुख पुजारी के रूप में चुना गया था, और 4 साल बाद ये भारतीय संसद के निचले सदन के लिए चुने गए। ये 12वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सदस्य थे। पांच वर्षों तक लगातार, योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से संसद के लिए चुने गए।

इन्होने हिंदू युवा वाहिनी, जो एक यूथ विंग है, जिसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में हिंसक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, की शुरुआत की।

भाजपा के साथ संबंध

शुरुआत में, योगी आदित्यनाथ के भाजपा के साथ संबंध सहज नहीं थे। हालांकि, धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गया और कई भाजपा नेताओं द्वारा गोरखपुर का दौरा किया गया। योगी आदित्यनाथ मार्च 2010 में उन भाजपा सांसदों में से एक थे, जिन्होंने संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर पार्टी को चुनौती दी थी।

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख प्रचारक थे। मार्च 2017 में, भाजपा से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। सत्ता में आने के बाद, योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गाय की तस्करी और सरकारी कार्यालयों में तम्बाकू, पान और गुटका पर प्रतिबंध लगा दिया और राज्य में एंटी-रोमियो दल का भी गठन किया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को निलंबित किया।

मुख्यमंत्री का पद संभालने के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ खुद लगभग 36 मंत्रालयों की देख-रेख कर रहे हैं, जिनमें से गृह, आवास, राजस्व, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन, टिकट और रजिस्ट्री, शहर और देश नियोजन विभाग, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, भूतत्व एवं खनिकर्म, बाढ़ नियंत्रण, सतर्कता, जेल, सामान्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, कार्मिक और नियुक्ति, सूचना, संस्थागत वित्त, नियोजन, नगर भूमि, राज्य संपत्ति, यूपी राज्य पुनर्गठन समिति, प्रशासन सुधार, कार्यक्रम क्रियान्वयन, सहायता और पुनर्वास, राष्ट्रीय एकीकरण, किराया नियंत्रण, बुनियादी ढांचा, समन्वय, भाषा, बाहरी सहायता प्राप्त परियोजना, लोक सेवा प्रबंधन, उपभोक्ता संरक्षण, वजन और माप विभाग शामिल हैं।




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