LAL BAHADUR SHASTRI JI KI BIOGRAPHY IN HINDI

LAL BAHADUR SHASTRI JI KI JIWANI


जन्म: 2 अक्टूबर, 1904

निधन: 10 जनवरी, 1966

लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रारंभिक जीवन :

लाल बहादुर शास्त्री  का जन्म 2 अक्टूबर 1904 वाराणसी, उत्तर प्रदेश में शारदा प्रसाद और रामदुली देवी के घर हुआ था। उनके पिता इलाहाबाद के राजस्व कार्यालय में एक क्लर्क थे, जब वह केवल एक वर्ष के थे तब उनकी मृत्यु हो गई। वह अपनी दो बहनों के साथ अपनी मां द्वारा पाले गए थे।

शिक्षा :
जब लाल बहादुर छः वर्ष के थे तब एक दिलचस्प घटना घटी। एक दिन विद्यालय से घर लौटते समय लाल बहादुर और उनके दोस्त एक आम के बगीचे में गए जो उनके घर के रास्ते में ही पड़ता था। उनके दोस्त आम तोड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ गए जबकि लाल बहादुर निचे ही खड़े रहे। इसी बीच माली आ गया और उसने लालबहादुर को पकड़कर डांटा और पीटना शुरू कर दिया। बालक लाल बहादुर ने माली से निवेदन किया कि वह एक अनाथ है इसलिए उन्हें छोड़ दें। बालक पर दया दिखाते हुए माली ने कहा “चूँकि तुम एक अनाथ हो इसलिए यह सबसे जरुरी है कि तुम बेहतर आचरण सीखो” इन शब्दों ने उन पर एक गहरी छाप छोड़ी और उन्होंने भविष्य में बेहतर व्यवहार करने की कसम खाई।

लाल बहादुर अपने दादा के घर पर 10 साल की उम्र तक रुके। तब तक उन्होंने कक्षा छः की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह वाराणसी गए।

लाल बहादुर शास्त्री की राजनैतिक जीवन :

‘ए मैन ऑफ एक्शन’ लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता थे। जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 9 जून सन् 1964 को इन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला।
सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश का नेतृत्व किया। उनका नारा “जय जवान जय किसान” (सैनिक की जय हो, किसान की जय हो) आज भी याद किया जाता है। 10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौते के साथ युद्ध समाप्त हो गया और अगले दिन ही इनका निधन हो गया। खबरों के अनुसार इनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई थी |

पुरस्कार और उपलब्धिया 

1. भारत रत्न
2.1965 में शास्त्री शासनकाल के दौरान प्रधान मंत्री के रूप में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का गठन किया गया था।

3.वाराणसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

लाल बहादुर शास्त्री जी की 
मृत्यु:
1966 में ताशकंद घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद, दिल के दौरे के कारण ताशकंद में उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन उनकी मृत्यु एक रहस्य बनी हुई है। पाकिस्तान के साथ ताशकंद संधि पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद शास्त्री की अचानक मौत ने कई संदेह उठाए। उनकी पत्नी ललिता देवी ने आरोप लगाया था की उन्हे जहर दिया गया था और प्रधान मंत्री की सेवा करने वाले रूसी बटलर को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया क्योंकि डॉक्टरों ने प्रमाणित किया कि शास्त्री की मृत्यु दिल के दौरे के कारण हुई थी।



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posted by vikash yadav


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3 Comments to

  1. अपने बहुत ही अच्छी जानकारी साँझा की है आपके इस पोस्ट को पढ़कर बहुत अच्छा लगा और इस ब्लॉग की यह खास बात है कि जो भी लिखा जाता है वो बहुत ही understandable होता है.
    HindiVidhya

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