नवजोत सिंह सिद्दू जीवनी - Biography of Navjot Singh Sidhu in Hindi :: jeevangatha.com

नवजोत सिंह सिद्दू जीवनी - Biography of Navjot Singh Sidhu in Hindi Jivani (jeewangatha.com)
Navjot Singh Sidhu

Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय क्रिकेट के भुतपूर्व खिलाड़ी है जिन्होंने क्रिकेट में भले ही बल्लेबाजी का जलवा दिखाया हो लेकिन निजी जीवन में वो आल राउंडर है | वर्तमान में आपको नवजोत सिंह टीवी में हर जगह दिख जायेंगे | एक तरफ जहा IPL में अपनी हिंदी Commentary से  लुभा रहे तो दुसरी तरफ The Kapil Sharma Show में अपनी हंसी का जलवा बिखेर रहे है | नवजोत सिंह को असली आल राउंडर कहना गलत नही होगा क्योंकि ये कमेन्ट्री भी कर लेते है तो शायरिया भी कर लेते है तो राजनीति में भी सक्रिय है |नवजोत सिंह ने अपनी वाणी के दम पर पुरे भारतवर्ष में अपना एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है |

जहा एक तरफ सामान्यत” क्रिकेटर केवल कमेंट्री तक सिमित रह जाते है नवजोत सिंह सिद्धू ने इससे हटकर राजनीती और टीवी से अपना अलग नाम कमाया है | भारत में ऐसा कहा जाता है कि तीन तरह के लोगो को ही पैसा और शोहरत मिलती है क्रिकेटर ,राजनीती और फिल्मे/टीवी | Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिध्दू ने इन तीनो क्षेत्रो से ना केवल पैसा बल्कि काफी शोहरत भी पायी है |

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Early Years of Navjot singh Sidhu

नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म 20 अक्टूबर 1963 को पंजाब राज्य के पटियाला जिले में हुआ था | उनके पिता सरदार भगवंत सिंह सिद्धू (bhagwant singh siddhu ) भी एक क्रिकेट खिलाडी थे और वो अपने बेटे नवजोत को एक उच्च श्रेणी के क्रिकेटर के रूप में देखना चाहते थे | सिद्धू ने पटियाला के यदिवेंद्र स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा और चंडीगढ़ के मोहिन्द्रा कॉलेज से स्नातक उत्तीर्ण की और वो पंजाव यूनिवर्सिटी से कानून विषय में स्नातक है | 
नवजोत सिंह की पत्नी का नाम नवजोत कौर (Navjeet kaur ) है जो पेशे से एक डॉक्टर है और पंजाव विधानसभा की सदस्य भी है | नवजोत सिंह सिधु के एक बेटी राबिया और एक पुत्र करण है | नवजोत सिंह सिद्धू बहुत सात्विक व्यक्ति है जो ना सिगरेट पीते है और ना ही शराब पीते है |अब हम जानेंगे कि किस तरह Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिध्दू ने अपने करियर की शुरुवात की |

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नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट करियर Cricket Career of Navjot Singh Sidhu


Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिद्धू का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर 1983 से लेकर 1999 तक रहा था | उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 1983 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में खेला था जिसमे उन्होंने केवल 19 रन बनाये थे | अगले मैच  में  भी वो ज्यादा रन नही बना पाए थे | शुरुवाती दो  टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्हें टीम से बाहर बैठना पड़ा था | लगभग 5 वर्षो तक क्रिकेट में संघर्ष करने के बाद उनकी किस्मत तब चमकी जब उनको 1987 के वर्ल्ड कप के लिए चुन लिया गया |

1987 के वर्ल्ड कप में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पहले ही एकदिवसीय मैच में 73 रन की धुआधार पारी खेली लेकिन वो अपनी टीम को ऑस्ट्रेलिया से होने वाली हार से नही बचा पाए | इस मैच के बाद नवजोत सिंह सिद्धू सुर्खियों में आ गये और 1987 वर्ल्ड कप के पांच में चार मैचो में उन्होंने अर्द्धशतक बनाया | 
अब नवजोत सिंह सिद्धू की दमदार पारियों की बदौलत भारतीय टीम सेमी फाइनल तक तो पहुच गयी थी | अब सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला इंग्लैंड से था और इस मैच में नवजोत का बल्ला नही चला और भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा और भारत वर्ल्ड कप की दौड़ से बाहर हो गया |
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Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना पहला एकदिवसीय शतक 1989 में पाकिस्तान के विरुद्ध शारजाह में लगाया था | इसके बाद 1993 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने एकदिवसीय करियर की 134 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी | नवजोत सिंह सिधु ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 1983 से क्रिकेट में पदार्पण करने क बाद जब वो खराब दौर से गुजर रहे थे तब जाने माने क्रिकेट लेखक राजन भोला ने उन पर एक आर्टिकल लिखा जिसका शीर्षक Sidhu: The Strokeless Wonder” जो इंडियन एक्सप्रेस में छपा था | तब से उन्होंने अपने जीवन में बदलाव लाना आरम्भ किया और क्रिकेट में अपने स्तर को सुधार जिसकी बदौलत उनको 1987 के वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन किया | 
तब उसी लेखक ने फिर उनपर एक आर्टिकल लिखा जिसका शीर्षक था “Sidhu: From Strokeless Wonder To A Palm-Grove Hitter” | इस तरह क्रिकेट में आलोचनाओं से उन्होंने अपने स्तर को सुधारा था |

Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिधु ने 193 ,1994 और 1997 में 500 से ज्यादा टेस्ट रन बनाये थे | 1997 में वेस्ट इंडीज दौरे में उन्होंने अपना एकमात्र टेस्ट में दोहरा शतक लगाया था | नवजोत सिंह सिद्धू एकदिवसीय मैचो में 5 से ज्यादा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज थे | टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 201 था जो उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ लगाया था |  नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत के लिए 51 टेस्ट मैचो में 42.13 की औसत से 3212 रन बनाए जिसमे उनके 9 शतक और 14 अर्धशतक शामिल है जबकि अपने 136 एकदिवसीय मैचो में नवजोत ने 37.08 की औसत से 4413 रन बनाये जिसमे 6 शतक और 33 अर्द्धशतक शामिल है |

Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिधु ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 6 जनवरी 1999 को न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ खेला था जबकि अंतिम एकदिवसीय मैच 20 सितम्बर 1998 को पाकिस्तान के विरुद्ध खेला था | इसके बाद दिसम्बर 1999 में उन्होंने अपने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में सन्यास की घोषणा कर दी | अपनी बल्लेबाजी में बेहतर प्रदर्शन के कारण उन्हें “Sixer Sidhu” कहकर पुकारा जाता था और अपनी बेहतरीन फील्डिंग के कारण उन्हें जोंटी सिंह कहा जाता था क्योंकि जोंटी रोड उस दौर के सबसे बेहतरीन फील्डर थे | इस तरह नवजोत सिंह सिध्दू का क्रिकेट करियर तो खत्म हो गया था लेकिन उन्हें ओर भी पारिया खेलनी थी |

सिद्धू ने 2001 में भारत के श्रीलंका दौरे से बतौर कमेंटेटर अपना करियर शूरू कर दिया | कमेंटेटर के तौर पर सिद्धू ने अपनी अलग पहचान बनाई और वो अपनी one-liners के कारण फेमस हो गये जिसे हम  “Sidhuisms” कहते है | उन्होंने शुरुवात में ESPN-Star और बाद में Ten Sports के लिए काम किया | इसके बाद ओव भारत के समाचार चैनलों पर “cricket analyst” के तौर पर दिखने लगे | आजकल वो IPL में हिंदी कमेन्ट्री करते है |

Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने टीवी करियर की शुरुवात स्टार वन पर शुरू हुए नाटक The Great Indian Laughter Challenge की जहा उन्होंने शेखर सुमन के साथ बैठकर जज के तौर पर अपनी हंसी से खूब नाम कमाया | इसके बाद वो इससे मिलते जुलते नाटक “फंजाबी चक दे ” में भी बतौर जज काम किया | इसके बाद Bigg Boss 6 बतौर contestant उन्होंने भाग लिया और कुछ सप्ताह रहने के बाद राजनीतक विवादों क्र कारण उन्हें शो बीच में ही छोड़ना पड़ा था | इसके बाद वो पिछले कुछ सालो तक कपिल शर्मा के साथ Comedy Nights with Kapil में नजर आये और वर्तमान में कपिल शर्मा के नये शो The Kapil Sharma show में नजर आते है | इसके आलावा सिद्धू कुछ हिंदी और पंजाबी फिल्मो में cameo appearance में भी नजर आये है |

Navjot Singh Sidhu Politics

Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिद्धू ने 2004 के आम लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अमृतसर की सीट पर विजय हुए | इसके कुछ समय बाद कोर्ट केस होने की वजह से उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था लेकिन दुबारा बहुमत से वो अपनी सीट पर कायम रहे | 2009 के आम लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के ओम प्रकाश सोनी को 6858 मतो से हराया और अमृतसर की सीट पर कायम रहे | 2014 के आम लोकसभा चुनावों में उन्हें अमृतसर की सीट तो नही मिली लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का काफी प्रचार प्रसार किया | सिद्धू प्रवीण शाह मामले में कुछ दिनों तक जेल में भी रहे थे | 28 अप्रैल 2016 को उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया |

नवजोत सिंह सिद्धू से जुड़े रोचक तथ्य Lesser Known Facts of Navjot Singh Sidhu

1996 मे इंग्लैंड दौरे से वो वापस घर लौट आये थे क्योंकि उन्हें लगता था कि कप्तान मोहम्मद अजहरुदीन उन्हें गालिया सूना रहे थे |
1983 में शुरवात में दो टेस्ट खेलने के बाद उन्हें टीम से बाहर बिठा दिया था लेकिन 1987 वर्ल्ड कप में उन्होंने दमदार वापसी की |
नवजोत सिंह सिद्धू कुछ फिल्मो जैसे ABCD 2 , मुझसे शादी करोगी और मेरा पिंड फिल्मो में स्पेशल apeereance में नजर आये है |
बिग बॉस में रहने के बाद राजीनीतिक हलचल की वजह से उन्हें शो बीच में ही छोड़ना पड़ा था |
सिख होने क बावजूद उन्हें हिन्दू धर्म का बहुत ज्ञान है और उन्हें हिन्दू धर्म के सारेग्रंथो की परख है |
नवजोत सिंह सिद्धू योग में माहिर है और अपने पिता की मौत के बाद जब वो बुरे दौर से गुजर रहे थे तब योग की वजह से उनको ताकत मिली थी जिसे वो अपने जीवन में आज तक आजमा रहे है |
जब सिद्धू काफी समय तक लोकसभा से बाहर रहे थे तब एक NGO ने उनको ढूढ़कर लाने वाले को 2 लाख के इनाम की घोषणा की जो एक व्यंग्य का रूप में उनपर तंज कसा गया था |
नवजोत सिंह सिद्धू सिगरेट और शराब नही पीते है और शुद्ध शाकाहारी है |
नवजोत सिंह सिद्धू को इन्टनेट पर सर्फिंग करना पसंद है जिसकी वजह से उन्हें देश दुनिया की खबरे मालुम रहती है
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Sidhuism – Navjot Singh sidhu Quotes in Hindi

पान को चबाने से ,  दही के मथने से , सोने को तपाने और पीटने से उनके गुण नही बदलते है |

जोड़ने वाले को  मन मिलता है तोड़ने वाले को अपमान , विश्वास तोडना पाप है |

सभी को सब कुछ हासिल नही होता , नदी के हर लहर को साहिल नही मिलता , अरे ये दिलवालों की दुनिया की अजब है दास्ताँ, किसी से दिल नही मिलता और कोई दिल से नही मिलता

कर्म उस बछड़े के सामान है जो हजारों गौओं में भी अपनी माँ को ढूंढ लेता है। जैसा बीज बोओगे, अँकुर वैसा ही फूटेगा। कर भला सो हो भला, मांग सरबत का भला।

भगत सिंह कहता था “जिन्दगी अपने दम पर जी जाती है औरो के कन्धो पर तो जनाजा उठा करता है “
झुकते है वो जिनमे जान होती है अकड़ना तो मुर्दों की पहचान होती है

शेरो को आजादी है आजादी के पाबन्द रहे ,अरे जिसको चाहे चीरे फाड़े ,खाए पीये आनन्द करे |

वीर वही जो जूझे रण के अंदर, मित्र वही जो समय पर काम आए, योगी, यति, मानव की मति, सत्य मार्ग पर चलकर ही परमपद को पाए, संत वही इस कलयुग में, जो द्वारे आए उसे गले लगाए॥

कांटो में भी गुलाबो की तरह महकना सीखो , कीचड़ में रहकर भी कमल की तरह खिलना सीखो , जो परिस्तिथियों से घबरा जाए वो लोह पुरुष नही होता ,राख में रहकर भी अंगारों की तरह दहकना सीखो

बुलबुलों के पंखो में बंधे हुए कभी बाज़ नहीं रहते, बुजदिलो और कायरों के हाथों में कभी राज़ नहीं रहते, सर झुका के चलने की आदत पड़ जाए जिस कौम को, उस कौम के सर पर कभी ताज नहीं रहते।



धन्यवाद.. 

posted by vikash yadav






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